Saturday, May 23, 2020

तो कहो, क्यों कहा

तुम कहती हो के
करोगे याद तो, हर बात याद आयेगी
वैसे क्यों करना है याद?
और याद करने के लिए है भी क्या
वो मौज, हुँह, और वो गुज़रता वक़्त
देखो चाँद पहले ज़माने में भी था
आज भी है
रही बात आईने की
तो वो तुम्हारे पास भी होगा
मेरे पास तो है ही, जिसमें
मैं देखता हूँ तो मेरा ही चेहरा दीखता है
किसी भटकते अब्र का नहीं
और रही बात दास्तान की,तो
वो मैं ख़ुद सुनाता हूँ
चाहो तो मेरा YouTube Channel देख लो
हो सके तो Subscribe भी कर देना
Lockdown में ज़रूर मौसम बरसता है
कभी कभी उसमें भीग भी लेता हूँ
अब रहा धुआँ धुआँ, तो वो
Lockdown के बाद करूँगा
अरे हाँ, जिस दिन दिया जलाने का फ़रमान था
उस दिन शम्मा पिघली थी मेरे छत पर
जिसका गुमाँ मैं नहीं कर सकता
हीना हथेलियों पे तुम लगाती होगी, पता है
मैं अब अक्सर सर पर लगाता हूँ,
सफ़ेद जो हो रहे हैं बाल
गली के मोड़ पे, सूना सा जो दरवाज़ा था
वो दंगों में जला दिया गया
आँखों तरसती ज़रूर हैं, लेकिन
किसी का रस्ता देखने के लिए नहीं
निगाह दूर तलक अब जा नहीं सकती
मोतियाबिन जो हो गया है
तो कहो
क्यों कहा करने को याद के हर बात याद आयेगी ?


तरीक़ हमीद (बेवक़ूफ़)
23/05/2020 6:51 PM

Saturday, April 14, 2012

P e r s o n a l D e t a i l s:
Gender : Male
Complexion : Wheatish
Height : 5’ 7”
Weight : 56kgs

E x p e r i e n c e i n M e d i a:

1. Acted in twelve episodes TV serial Hmare Rahber under the direction of Asrar Shamshi for DD Urdu
2. Acted in thirteen episodes TV serial Divya under the direction of S. K. Singh for DD National3. Acted in Pilot episode TV serial Kaki Baki Bu under the direction of Prem Girdhani for DD National4. Acted in TV serial Ghazalnama under the direction of Muzaffar Ali for DD National5. Acted in Ad film under the direction of Shalini for DD News6. Acted in fiction under the direction of Abhinav Gupta

E x p e r i e n c e i n t h e F i e l d o f T h e a t r e:
Have been actively associated with Wings Cultural Society since 2009.



Email :- tariquehameed@gmail.com

Sunday, March 4, 2012

मुस्कुराते रहे

खुद को तलाशते ही खुद को तराशते रहे, 
तमाम उम्र बस यूँ ही दिन गुज़ारते रहे,
जाना कहाँ, मंजिल कहाँ, पता ही नहीं, 
यूँ ही अपनी बेवकूफी पे मुस्कुराते रहे !!
(बेवक़ूफ़)

Thursday, October 6, 2011

किसी ने कहा

किसी बहुत ही अच्छा दोस्त था किसी का बच्चपन से, जब किसी बहुत पैसे वाला आदमी बन गया तो वो किसी से कहा के यार तेरे पास पैसा नहीं है, इसपर किसी ने कहा के तुम ने बिलकुल ठीक कहा के मेरे पास पैसा नहीं है लेकिन किसी का पैसा भी नहीं मेरे पास !!!

Friday, September 23, 2011

तनहाई


तनहाई में भी इंसान तनहा कहाँ होता है !
बेवफाई, जुदाई उनकी हमेशा साथ होता है !!!
(बेवक़ूफ़)

Wednesday, August 10, 2011

अकेला

में अकेला ही मारूंगा गर मरूँगा कभी,
साथ तू मारा भी अगर,साथ जलेगा नहीं !!
कब साथ  चला है कोई जो तू चलेगा कभी,
ख़ाक में जाना तो जिस्म को है रूह को नहीं,
कौन कहता है के तू आदमी था कभी
तू बिका है जिस तरह कीड़े भी बिकेंगें नहीं !! 
खरीद फरोख्त को ही दुनिया कहते है बेवक़ूफ़
जो बिका नहीं है  वो कभी कुछ खरीदेगा नहीं!

तारिक हमीद (बेवक़ूफ़)