खुद को तलाशते ही खुद को तराशते रहे,
तमाम उम्र बस यूँ ही दिन गुज़ारते रहे,
जाना कहाँ, मंजिल कहाँ, पता ही नहीं,
यूँ ही अपनी बेवकूफी पे मुस्कुराते रहे !!
(बेवक़ूफ़)
तमाम उम्र बस यूँ ही दिन गुज़ारते रहे,
जाना कहाँ, मंजिल कहाँ, पता ही नहीं,
यूँ ही अपनी बेवकूफी पे मुस्कुराते रहे !!
(बेवक़ूफ़)