समंदर सी
गहराई में
जब मैं ने
ग़ोता
लगाया
तो
मौत की
डर ने
नहीं बल्के
जीने की आरजू
से छटपटाया
तेरी मुस्कुराहट
ने मुझे
आशावादी बनाया
तेरी मुहब्बत ने
मुझे
हँसना, रोना
और प्यार करना
सिखाया
तेरी जुदाई
ने मुझे
तड़पना
और
तेरी
नफरत ने
मुझे
शराबी बनाया
तारिक हमीद (बेवक़ूफ़)