Thursday, December 16, 2010

हवा

तू हवा है
गर्मी की हो 
या सर्दी की
पर
तू हवा है 
हर
मौसम  की  
जिसे ना कोई
देख  सका
ना कोई 
देख
सकेगा
सिर्फ महसूस
कर सकेगा
के तू हवा है
हर लहर 
में 
हर मौसम 
में तू 
जिस्म  को 
राहत देती  है 
इसी लिए हर कोई
तुझ से मोहब्बत 
करता है
किओं के तू 
हवा है
तू ज़िन्दगी है
तू साँस है
तू ही
मेरी जान है
और मैं तुझ 
से मोहब्बत 
करता हूँ!!


तारिक हमीद(बेवक़ूफ़)

Thursday, December 9, 2010

मै

मैं कीतना अहम् है "मै" के लीये,
मैं,
कुछ भी कर सक सकता है,
"मैं" के लीये,
मैं के आगे तू क्या है, 
तू तो बस "तू" है,
तू कुछ भी नहीं "मैं" के लीये!
तारिक हमीद(बेवक़ूफ़)